कलौंजी कैसे उगाते हैं , यहां जानिए कलौंजी लगाने का आसान तरीका

कलौजी की खेती भारत के बहुत बड़े भू - भाग में की जाती है। इसका प्रयोग हेम बीज के रूप में करते है। इसे अलग - अलग राज्यों में अलग नाम से जाना जाता है। इसके बीज बिल्कुल छोटे और देखने में बहुत छोटे होते है। इसके बीज को खानें से हल्का तीखापन महसूस होता है। इसका प्रयोग हम नान, ब्रेड, केक तथा आचारों में खट्टेपन का स्वाद लाने के लिए करते है। इसके अलावा कलौजी हमारे शरीर के लिए भी बहुत ही फायदेमंद है। इसका प्रयोग औषधीय रूप से उत्तेजक, कृमिनाशक और प्रोटोजोवा रोधी रूप में भी किया जाता है। डॉ की मानें तो कलौंजी के बीज का अगर नियमित रूप से प्रयोग किया जाये तो पेशाब की बीमारी को भी आसानी से ठीक किया जा सकता है। इसलिए इसकी खेती करने से किसान भाइयों को काफी फायदें हो सकते है। आज के इस ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे की कलौंजी की खेती कैसे की जाती है।

आप यह ब्लॉग GEEKEN CHEMICALS के माध्यम से पढ़ रहें है। GEEKEN आपके लिए कृषि जगत से जुडी जानकारी पहुचानें का काम करता है। आप हमारे माध्यम से अपनी खेती को बेहतर और सुचारु रूप से कर सकते है , GEEKEN आपके फसलों में लगनें वाले कीटों , रोगों और खरपतवार को भी आसानी से अपने कैमिकल के द्वारा ख़त्म कर सकता है। इसके लिए आपको नजदीकी स्टोर पर जाकर हमारे कीटनाशक को खरीदना होगा। जीकेन Top Fertilizer Company in india में से एक है।

और पढ़े –: जानिए काली मिर्च की खेती करने का तरीका , जिससे किसान को होगा लाखों का फायदा

भारत में कलौंजी की खेती के लिए उपयुक्त मिटटी

भारत में कलौंजी की खेती वैसे तो सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है लेकिन इसकी खेती के लिए कार्बनिक प्रदार्थो वाली बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। अगर किसान भाई आप कलौंजी की खेती करने जा रहें है तो उचित जल निकासी वाली मिट्टी का चुनाव करें। अगर इसकी खेती के लिए भूमि के P.H. मान की बात करें तो कलौंजी की खेती के लिए 6-7 के मध्य होना चाहिए | किसान भाइयों यह थी कलौजी की खेती के लिए मिट्टी का चुनाव आगे हम आपको बतानें वाले है की कलौंजी की खेती के लिए कैसे मिट्टी की आवश्यकता पड़ती है और कब इसकी बुवाई करनी चाहिए।

भारत में कलौंजी की खेती के लिए कैसी चाहिए जलवायु और तापमान

किसान भाइयों कलौंजी की खेती के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु की जरूरत पड़ती है। कलौंजी के पौधे ठंड और गर्मी दोनों ही मौसम में अच्छे से वृद्धि कर सकते है। कलौंजी के पौधे को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं पड़ती है , इसलिए इसे किसान रबी की फसल के साथ आसानी से लगा सकते है। किसान भाइयों कलौंजी के पौधे को अंकुरित होने के लिए सामान्य तापमान की जरूरत पड़ती है। वहीँ इसके पौधे को वृद्धि के लिए 18 डिग्री तापमान तथा फसल को पकने के लिए 30 डिग्री तापमान की जरूरत पड़ती है।

कलौंजी के खेत को कैसे तैयार

कलौंजी की अच्छे पैदावार के लिए सबसे पहले खेत को अच्छे से तैयार करना होगा। इसके लिए आप खेत की अच्छे से जुताई कर लें , जिसके बाद खेत को ऐसे ही खुला छोड़ दें जिससे खेत में मिट्टी लग जाए। आप चाहें तो 10 से 15 गाड़ी गोबर के खाद को भी डाल सकते है। किसान भाइयों को सबसे अंत में पलेव लगा देना चाहिए ,जब खेत की मिट्टी सूखनें लगें उसमें रोटावेटर से जुताई करवा देनी चाहिए।

भारत में कलौंजी बीज रोपाई का सही समय और तरीका

कलौंजी के बीज की बुवाई करते समय हमें खेत में क्यारियाँ तैयार कर लेनी चाहिए। इसके बाद आप चाहें तो खेत में बीज की रोपाई कर सकते है। इसके बीज की रोपाई किसान भाइयों छिड़काव विधि के द्वारा किया जाता है। इसकी बुवाई करनें वाले किसान भाइयों की मानें तो एक हेक्टेयर खेत मने 7 -8 किलों बीज की जरूरत पड़ती है। किसान भाइयों कलौंजी रबी की फसल है इसलिए इसकी बुवाई सितंबर - अक्टूबर महीनें में की जाती है।

कब करनी चाहिए कलौंजी के पौधे की सिचाई

किसान भाइयों कलौंजी के पौधे को ज्यादा सिचाई की जरूरत नहीं पड़ती है। इसकी पहली सिचाई रोपाई करने के तुरंत बाद कर देनी चाहिए। किसान भाइयों हमें बीजों के अंकुरण के लिए खेत में नमी बनाये रखनें की जरूरत है , इसलिए हल्की सिंचाई करते रहना चाहिए। कभी भी इसके फसल को ज्यादा पानी न दें , इससे बीज सड़ने लगते है।

खरपतवार नियंत्रण के लिए क्या करें

इसके पौधे में खरपतवार नियंत्रण के लिए ज्यादा कुछ करने की जरुरत नहीं पड़ती है। लेकिन बीज की रोपाई करने के 20 -25 दिन के बाद निराई - गुड़ाई करते रहना चाहिए। किसान भाइयों कलौंजी के पौधे के पास प्रत्येक 15 -20 दिन के अंतराल पर निराई - गुड़ाई करते रहना चाहिए। इसके अलावा अगर खरपतवार खत्म नहीं हो रहें है तो , किसान भाइयों को Top Agricultural Chemical Companies in India जीकेन केमिकल्स के द्वारा निर्मित खरपतवार नाशी का प्रयोग करना चाहिए।

कलौंजी के पौधों की कटाई, पैदावार और लाभ

किसान भाइयों इसके पौधे की कटाई 130 -140 दिनों के अंदर कर दिया जाता है। जब भी इसके पौधे पकते हुए दिखें तुरंत इसे जड़ सहित उखाड़ देना चाहिए। आप चाहें तो इसे अच्छे धूप में सूखा भी सकते है। जब भी इसके पौधे पूरी तरह से सुख जाए आप चाहें तो लकड़ी से पीटकर निकाल सकते है। किसान भाइयों आज के समय में कलौंजी की खेती करके अच्छे से पैसा कमाया जा सकता है।

और पढ़े –: गोभी की रोपाई कैसे करें ,यहां जानिए रोपाई करने का सबसे आसान तरीका

निष्कर्ष

आज के इस ब्लॉग में हमनें जाना की कलौंजी की खेती कैसे की जाती है। आशा है कि आपको हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। आप हमारे इस ब्लॉग को अपने सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर भी कर सकते है। किसान भाइयों इसके अलावा अगर आपके फसल में कीट , खरपतवार , रोग इत्यादि का प्रकोप है तो आप GEEKEN CHEMICALS के द्वारा निर्मित रासायनिक कीटनाशक प्रयोग कर सकते है।

Comments

Popular posts from this blog

पॉलीहाउस में खेती कैसे की जाती है ? यहां जानिए पॉलीहाउस में खेती करने के फायदें

इस विधि से करें मटर की खेती , होगा ज्यादा फायदा , यहाँ पर जानिए बुवाई का सही समय

चौलाई की खेती कब करें , जानिए सही समय और खेती करने का तरीका