दिसंबर के महीने में कौन से फसलों की करें खेती

किसान भाइयों फसलों की बुवाई का अपना एक समय होता है , जिसके अनुसार हम खेती करते है। अगर इस हिसाब से हम खेती न करें तो हमारे फसल को बहुत नुकासन पहुंचता है। किसान भाइयों कई बार तो हमारी पूरी की पूरी फसल ही नष्ट हो जाती है। इसलिए हमें फसलों के बुवाई की जानकारी रखना जरुरी है , जिससे अच्छे से खेती करके मुनाफा कमाया जा सके। वैसे तो भारत में बारह महीने सब्जी की खेती की जा रही है , लेकिन बेमौसम खेती करने से फसल की पैदावर कम होती है और कई बार तो हमें भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। कई बार तो बेमौसम फसल को उगानें से उसके उचित दाम भी नहीं मिल पाते है। लेकिन आप अगर सही समय पर खेती करते है तो अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। तो आइये आज के इस ब्लॉग में जानतें है कि दिसंबर के महीने में कौन - कौन से फसलों की खेती करनी चाहिए।

आप यह ब्लॉग GEEKEN CHEMICALS के माध्यम से पढ़ रहें है। हम आपके लिए खेती - बाड़ी से जुड़ी जानकारी पहुचानें का काम करते है। किसान भाइयों अगर आप अगर आप बेहतर तरीके से खेती करना चाहते है तो , नियमित रूप से हमारे ब्लॉग को पढ़ते रहें है। इसके अलावा हम Best Agrochemical Company in india में से एक है। आप हमारे कीटनाशक के प्रयोग से अपने फसलों की बेहतर तरीके से सुरक्षा प्रदान कर सकते है। अगर आप GEEKEN CHEMICALS के रासायनिक कीटनाशक को खरीदना चाहते है तो हमें कॉल (+91 - 9999570297) कर सकते है।

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टमाटर की खेती

किसान भाइयों अगर आप दिसंबर के महीने में टमाटर की खेती करते है तो आपको बहुत फायदा होगा। इसके लिए आपको बाजार से टमाटर के अच्छे बीज का चुनाव करना जरुरी है। अगर आप अच्छे बीज का चुनाव नहीं करेंगे तो पूरी फसल में रोग और कीट लग जाते है , जिससे टमाटर सड़ने लगती है और पैदावार भी कम होता है। टमाटर की खेती करने के लिए सबसे पहले आपको दो तरह की क्यारियां बनानी चाहिए , जिसमें पहली क्यारी ऊपर उठी हुई होनी चाहिए वहीँ दूसरी क्यारी समतल होनी चाहिए।

अगर किसान भाई आप ठंड के मौसम में टमाटर की खेती कर रहें है तो उठी हुई क्यारियां बनानी चाहिए। टमाटर के पौधे 20 -25 दिन में रोपाई के योग्य हो जातें है , अगर तापमान में कमी है तो इसके बुवाई में 5 -6 सप्ताह भी लग जाते है। टमाटर का पौधा लगाते समय किसान भाइयों को यह ध्यान रखना चाहिए की , पौधे के पास की मिटटी अच्छी तरह से दबी ही और जैसे ही पौधे को लगाए तो पानी देना न भूलें। टमाटर के पौधे की रोपाई शाम के समय में करें , जिससे तेज धूप से शुरुआत के समय में इसके पौधे को बचाया जा सकें। किसान भाइयों वैसे तो टमाटर में जल्द रोग नहीं लगते है लेकिन ज्यादा सिचाई की वजह से इसमें रोग लगनें की सम्भावना बढ़ जाती है , ऐसे में आपको Top agricultural chemical companies in India के द्वारा बनें कीटनाशक का प्रयोग करना चाहिए।

टमाटर में किसान भाइयों वैसे तो बहुत से रोग लगते है लेकिन इसमें लगने वाला आर्द्रपतन,अगेती झुलसा,पक्षेती झुलसा आदि प्रमुख है। इन रोगों को खत्म करने के लिए आपको GEEKEN CHEMICALS के द्वारा बनें कीटनाशक Ribban (Captan 70% Hexaconazole 5% WP) और Kenzeb (Mancozeb 75% WP) का प्रयोग कर सकते है। यह बहुत ही बेहतरीन कीटनाशक है , जो पूरी तरह से टमाटर के रोगों को खत्म कर सकते है।

मूली की खेती

किसान भाइयों मूली की खेती भी भारत में प्रमुखता से की जाती है। इसके अच्छे उत्पादन के लिए जीवांशयुक्त दोमट या बलुई दोमट मिट्टी की जरूरत पड़ती है। मूली की खेती के लिए बीज की बात करें तो जापानी सफ़ेद, पूसा देशी, पूसा चेतकी, अर्का निशांत, जौनपुरी, बॉम्बे रेड, पूसा रेशमी, पंजाब अगेती, पंजाब सफ़ेद, आई.एच. आर1-1 एवं कल्याणपुर सफ़ेद आदि सबसे अच्छे बीज मानें जाते है। किसान भाइयों अगर आप मूली की खेती कर रहें है तो इसके लिए समतल क्यारि का होना जरुरी है। जब भी मूली के बीज को लगाएं तो यह ध्यान रखें की मेड़ों से मेड़ों के बीच की दूरी कम से कम 45 से 50 सेंटीमीटर तथा उचाई 20 से 25 सेंटीमीटर तथा पौधे से पौधे के बीच की दूरी 5 -8 सेमी होना चाहिए।

किसान भाइयों अगर हम मूली के रोपाई के लिए भूमि की बात करें तो इसके लिए नम भूमि सबसे अच्छी मानी जाती है। किसान भाइयों को मूली के पौधे को लागानें के तुरंत बाद सिचाई कर देनी चाहिए। मूली को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं पड़ती है , इसलिए सिंचाई करते समय इसका विशेष ध्यान रखें। अगर मूली के पौधे में खरपतवार दिखाई पड़ रहें है तो उसके लिए आप रासायनिक और प्राकृतिक दोनों विधियों को आजमा सकते है। प्राकृतिक विधि से खरपतवार को खत्म करने के लिए आपको निराई - गुड़ाई करने की जरूरत है। वहीँ रासायनिक विधि से खरपतवार को खत्म करने के लिए आप Top Agricultural Chemical Companies in India के द्वारा निर्मित खरपतवारनाशी कैमिकल का प्रयोग करना चाहिए।

पालक की खेती

किसान भाइयों पालक भी ठंड के मौसम में बोया जानें वाला फसल है। इसकी खेती भारत के सभी राज्यों में की जाती है। पालक का प्रयोग हम सभी अपने घरों में अलग - अलग पकवान बनाने के लिए करते है। जिससे इसकी मांग भी बाजारों में हमेशा रहती है। लेकिन इसकी खेती करने वाले किसान भाइयों को विशेष ध्यान रखनें की जरूरत है। किसान भाइयों अगर हम भारत की बात करें तो पालक की बुवाई वर्षभर होती रहती है। वैसे तो बाजार में आपको पालक की अलग - अलग तरह की कई किस्में मिल जाएँगी लेकिन इसमें पूजा ज्योति, पूसा पालक, पूसा हरित, पूसा भारती सबसे अच्छी मानी जाती है।

किसान भाइयों पालक को सीधे ही खेत में बोया जाता है , किसान इसके बीज को जमीन में पंक्तियाँ बनाकर ऊगा सकते है। लेकिन किसान भाइयों को यह ध्यान देना होगा की पौधे को बढ़ने के लिए बीच में उचित दूरी रखना जरुरी है। बुवाई से पहले खेत को अच्छे से 2 -3 बार जुताई कर देना चाहिए और किसान भाइयों को यह भी ध्यान रखना चाहिए की भूमि हमेशा समतल हो। खेत में ज्यादा पानी न लगने पाए किसान भाइयों को इसका भी विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। किसान भाइयों पालक में भी बुवाई के कुछ दिन के बाद रोग लगते है , जिससे फसल को बचानें के लिए हमें top quality agro chemicals का प्रयोग करना चाहिए। अगर हम भारत की बात करें तो GEEKEN CHEMICALS सबसे अच्छी कीटनाशक बनाने वाली कंपनी में से एक है।

बैंगन की खेती

किसान भाइयों बैगन भी भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। इसकी खेती भी भारत के किसान प्रमुखता से करते है। इसकी खेती के लिए हमारे किसान भाइयों को जैविक पदार्थ से भरपूर दोमट व बलुई दोमट मिट्टी की जरूरत पड़ती है। इसकी खेती ज्यादातर हिस्सों में हम दिसंबर के महीनें में करते है। किसान भाइयों बैगन की खेती के लिए तरह - तरह के बीज आज के समय में हमारे बाजारों में बिक रहें है , जिससे कभी तो अच्छी पैदावार होती है और कई बार तो यह बीज खरपतवार को जन्म दे देते है , जिससे बैगन का पौधा और खेत दोनों को नुकसान पहुँचता है। किसान भाइयों अगर आप बैगन की खेती करने जा रहें है तो बीज का चुनाव अच्छे से कर लें , जिससे पैदावार भी अच्छी हो सकें।

बैगन की खेती सबसे ज्यादा चीन में की जाती है , जिसके बाद भारत बैगन का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाला देश है। ज्यादा उचाई वाली जगह पर बैगन की खेती नहीं करना चाहिए। बैगन के पौधे को ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है , इसलिए इसकी सिचाई की समुचित व्यवस्था हमें पहले से कर लेनी चाहिए। अगर आप बैगन की खेती ठंड के मौसम में कर रहें है तो ऐसे समय में आपको 10 -15 दिन के अंतराल में बैगन की सिंचाई करनी चाहिए। किसान भाइयों अगर बैगन में खरपतवार और रोग की बात करें तो इसके लिए सबसे पहले आपको समय - समय पर निराई - गुड़ाई करनी चाहिए। अगर फिर भी इसके खरपतवार न खत्म हो तो किसान भाई Top Agro Chemical Companies in India के द्वारा निर्मित रासायनिक कीटनाशक का प्रयोग कर सकते है। आज के समय में GEEKEN CHEMICALS सबसे अच्छी रासायनिक कीटनाशक बनाने वाली कंपनी है।

प्याज की खेती

प्याज की खेती भी भारत में प्रमुखता से की जाती है। इसकी खेती को हम रबी और खरीफ दोनों तरह के मौसम में कर सकते है। इसकी बुवाई किसान भाइयों ज्यादातर हम नवम्बर के महीनें में की जाती है लेकिन किसान इसकी पछेती बुवाई दिसंबर के महीने में कर सकते है। प्याज की खेती के लिए हमें उचित जलनिकासी वाली एवम जीवांषयुक्त उपजाऊ दोमट तथा वलूई दोमट भूमि जिसका पी.एच. मान 6.5-7.5 के मध्य हो करना चाहिए। प्याज की खेती के लिए भूमि की अच्छे से तैयारी होनी चाहिए। इसकी पहली जुताई मिट्टी पलटनें वाले हल से करना चाहिए।

किसान भाइयों प्याज की रोपाई करने के तुरंत बाद ही सिचाई कर देनी चाहिए , अन्यथा सिचाई में देरी की वजह से पौधे के मरने की सम्भावना बढ़ जाती है। खरीफ के मौसम में जब इसकी खेती की जाती है तो , इसकी फसल को सिंचाई की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती है , इसलिए इसकी सिचाई आवश्यकता के अनुसार करनी चाहिए। किसान भाइयों इस बात का ध्यान रखें की प्याज को कभी भी ज्यादा पानी नहीं देना चाहिए।

प्याज के बुवाई के तुरंत बाद इसमें रोग , कीट और खरपतवार का आक्रमण होता है ऐसे में पूरी फसल बर्बाद हो जाती है। इसलिए प्याज के बीज के चुनाव अच्छे से करना चाहिए अगर फिर भी इसके रोग खत्म न हो तो इसमें top agrochemical in India के द्वारा निर्मित रासायनिक कैमिकल का प्रयोग करना चाहिए।

और पढ़े –: नवंबर के महीने में पौधे की देखभाल के लिए करें यह काम ?

निष्कर्ष

आज के इस ब्लॉग में हमनें जाना की वह कौन सी फसलें है , जिसकी खेती हम दिसंबर के महीने में कर सकते है। आशा है की किसान भाइयों को हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। आप हमारे इस ब्लॉग को अपने सोशल मीडिया पर भी शेयर कर सकते है। दोस्तों अगर आप भी अपने फसल का बेहतर तरीके से उत्पादन करना चाहते है तो आप GEEKEN CHEMICALS के ब्लॉग को पढ़तें रहें। इसके आलावा GEEKEN CHEMICALS कई से रासायनिक कीटनाशक बनाता आरहा है आप हमारे कीटनाशक का प्रयोग करके अपने फसल में फैलने वाले रोगों , खरपतवारों आदि को आसानी से खत्म कर सकते है। अगर आप हमारे कीटनाशक को खरीदना चाहते है तो हमें कॉल (+91 - 9999570297) कर सकते है।

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