जानिए सरसों की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग और ख़त्म करने का सबसे आसान तरीका

सरसों की पैदावार बढ़ानें साथ ही उसे टिकाऊपन बनाने के मार्ग में जो सबसे बड़ी समयस्या आती है वह है रोगों की समस्या , जिसकी वजह से फसल को बहुत ज्यादा नुकशान पहुँचता है। जिसकी वजह से सरसों की पैदावार कम हो जाती है। यदि समय से इसकी सुरक्षा कर दी जाये तो इन रोगों को खत्म किया जा सकता है साथ ही सरसों की पैदावार को भी बढ़ाया जा सकता है। अगर सरसों में लगने वाले प्रमुख कीटों की बात किया जाये तो चेंपा या माहू, आरामक्खी, चितकबरा कीट, लीफ माइनर, बिहार हेयरी केटरपिलर प्रमुख कीट है। जो फसल को बर्बाद कर देते है। वहीँ अगर इसमें लगने वाले रोगों की बात किया जाये तो सफेद रतुआ, मृदुरोमिल आसिता, चूर्णिल आसिता एवं तना गलन प्रमुख रोगों में से एक है।

प्रमुख रोग

सफेद रतुवा या श्वेत किट्ट

इस रोग के कारण 23-55 प्रतिशत तक नुकसान होता है। सरसों के अतिरिक्त यह रोग मूली, शलजम, तारामीरा, फूलगोभी, पत्तागोभी, पालक और शकरकंद पर भी पाया जाता है। इसमें आप Kenzeb (Mancozeb 75% WP) और Elentra (Mancozeb 64% + Metalaxyl 8% WP) का प्रयोग कर सकते है। यह कीटनाशक जब भी लेने जाएँ तो GEEKEN CHEMICALS का बना हुआ प्रोडक्ट ही खरीदें।

और पढ़े-: जानिए कैसे आलू की पछेती झुलसा रोग की करें रोकथाम

सरसों का छाछाया रोग

यह एक तरह का कवक जनित रोग होता है, जो शुरू में पौधे की पत्तियां और टहनियों पर दिखाई पड़ता है। जो धीरे - धीरे पुरे पौधे को अपने संपर्क में ले लेता है। जिसके कारण कुछ दिन बाद ही सरसों की पत्तियां पीली होकर झड़नें लगती है। इसके कारण फसल को बहुत नुकसान पहुँचता है। फरवरी के मौसम में यह हलके पंख के कारण दूसरी फसल को भी ख़राब करने लगता है जिससे किसान को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान सरसों की पछेती फसल पर होता है।

तना सड़न रोग

सरसों की खेती करने पर अक्सर किसान भाइयों को इस रोग का सामना करना ही पड़ता है। यह रोग सरसों के लिए बहुत खतरनाक है। यह एक अठारह का भूमि व बीज जनित रोग है। वहीँ अगर इस रोग के लक्षण की बात किया जाये तो सबसे पहले सरसों की पेड़ पर लम्बे धब्बे दिखाई पड़ते है। जिसके कारण कवक जाल की तरह फ़ैल जाता है और कुछ समय बाद तना एकदम से फट जाता है। जिसके कारण सरसों का पौधा मुरझानें लगता है और सुख जाता है। कुछ समय बाद सरसों का संक्रमित भाग काले रंग का हो जाता है। सरसो की फसल में अधिक नमी के कारण इसका प्रकोप ज्यादा दिखाई पड़ता है। इस रोग के लिए आप GEEKEN CHEMICALS का बना कीटनाशक Kenzim (Carbendazim 50% WP) का प्रयोग कर सकते है। यह बहुत जल्द फसलों पर अपना असर दिखाना शुरू करता है और कीटों को खतम कर देता है।

अंगमारी रोग

इस रोग के कारण सरसों की फसल को ज्यादा नुकशान पहुँचता है। सबसे पहले सरसों की फसल की पत्तियां कथई - भूरे रंग की हो जाती है , जिसमें छोटे - छोटे धब्बे दिखाई पड़नें लगते है। देखने में यह धब्बे हमारी आँख की तरह के होते है , जो बगल - बगल पिले रंग के होते है। कुछ समय बाद अगर इनका उपचार नहीं किया जाता है तो यह धब्बे बड़े होकर फसल को पूरी तरह से नष्ट कर देते है। कुछ समय बाद सरसों की फसल की पत्तियां झड़ने लगती है। किसान भाइयों अगर आपकी भी फसल में इस तरह के रोगों का लक्षण दिखाई पद रहा है तो आप Kenzeb (Mancozeb 75% WP) और Bonanza (Thiophanate Methyl 70% WP) का प्रयोग कर सकते है। इस कीटनाशक को इस तरह से बनाया गया है कि यह आपकी फसल को बिना किसी भी तरह का नुकसान पहुचायें रोगों को आसानी से खत्म कर देता है। और पढ़े-: जानिए कब और कैसे करें कपास की खेती, साथ ही रोगों से बचानें के उपाय

आर्द गलन रोग

इस रोग के कारण सरसों की फसल के भूमि के अंदर अवले भाग को नुकसान पहुँचता है। जिसमें जल सिकत धब्बे बन जाते है। इसके कारण सरसों की फसल में बहुत अधिक नुकसान पहुँचता है साथ ही साथ यह तने को कमजोर कर देता है जिसकी वजह से पूरा पेड़ सूखनें लगता है। कुछ समय बाद यह पूरी पैदावार को नुकसान पहुंचाता है , जिससे फसल की पैदावार कम होती है। आर्द गलन रोग के लिए आप हमारा कीटनाशक Kenzeb (Mancozeb 75% WP) का प्रयोग आसानी से कर सकते है।

सरसों की फसल को रोगों से बचाने का उपाय

किसान भाइयों अगर आपके सरसों की फसल में भी इस तरह के रोग दिखाई पड़ रहें है तो आप GEEKEN CHEMICALS का सहारा ले सकते है। GEEKEN CHEMICALS ने आपके सरसों में लगने वाले रोगों को बचाने के लिए अलग - अलग रोग के हिसाब से कैमिकल को बनाता है। हमारा कैमिकल पूरी तरह से आपकी फसल को सुरक्षित रखता है और उसमें लगने वाले रोगों को जड़ से खत्म करता है।

निष्कर्ष

किसान भाइयों आपने यहाँ पर जाना कि सरसों की फसल में कौन से रोग लगते है और उन्हें किस तरह से खत्म किया जा सकता है। आप GEEKEN CHEMICALS के माध्यम से अपने फसलों को और भी ज्यादा सुरक्षित रख सकते है। हम लगातार अपने किसान भाइयों के फसलों की उपज बढ़ाने के लिए कई वर्षों से काम कर रहें है। आप हमारे इस ब्लॉग को अपने सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर भी कर सकते है। जिससे यह जानकारी अत्यधिक किसान भाइयों तक पहुँच सके।

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