जानिए कैसे खत्म कर सकते है फसलों में लगने वाला हानिकारक रोग पाउडर फफूंदी

फफूदी एक तरह का गंभीर कवक रोग है , जो सभी तरह के पौधों को प्रभावित करता है इसके कारन पौधों के उपज में कमी आती है। इस रोग का जन्म एरीसिफेल्स क्रम के कारण होता है। दुनिया में ज्यादातर यह रोग जीव पोडोस्फेरा फुलिजिनिया के कारण होता है। यह कवक नम और मध्यम जलवायु के कारण बढ़ती है। इसलिए यह उगते हुए पौधे में ज्यादा तेज़ी से फैलता है। यह उन पौधों में ज्यादा फैलता है जिनमें माध्यम जलवायु के साथ हवा में नमी की मात्रा होती है। यह कवक ज्यादातर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रीनहाउस में देखने को मिलती है। ज्यादातर यह कवक बरसात के मौसम में उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। आप यह लेख Geeken Chemicals India Limited के द्वारा पढ़ रहें है। GEEKEN एक Agrochemical Company जो हमारे देश के किसानों को फसल सुरक्षा उत्पादों की सर्वोच्च गुणवत्ता प्रदान करती है। हम किसानों की फसल सुरक्षा के लिए अलग - अलग तरह कीटनाशक का उपयोग कर उनके फसल की उत्पादन क्षमता को बढ़ाते है। आप हमारे द्वारा अपने खेती से जुडी सभी तरह की जानकारी भी प्राप्त कर सकते है। GEEKEN CHEMICALS आपकी खेती एवं उसकी गतिविधियों की दैनिक प्रगति के बारे में वास्तविक समय में निरीक्षण की जानकारी देता है

और पढ़े-: जैविक खेती क्या है ? , क्या हैं इसके लाभ, कैसे शुरू करें, जानिए इससे जुडी हुई जानकारी

पाउडर फफूंदी (Powdery mildew) के लक्षण

• पाउडरी फफूदी की पत्तियों में सफ़ेद चूर्ण के साथ धब्बे दिखाई पड़ते है। • शुरू में इनके लक्षण दूध के समान दिखाई पड़ते है लेकिन धीरे - धीरे यह पिले होने लगते है। • इसके ऊपर के और निचे के पत्तियों में सफ़ेद रंग के चूर्ण के धब्बे दिखाई पड़ते है। • इनका आक्रमण सबसे पहले युवा पत्तियों पर होता है। यह युवा पत्तियों में कर्लिंग के कारण बनते हैं। • फसल के पकने के बाद फफूदी का निशान गायब हो जाता है।

पाउडर फफूंदी से प्रभावित होने वाले पौधे

1. वैसे तो इससे बहुत से पौधे प्रभावित होते है लेकिन इसमें लौकी , खरबूज , तुराई प्रमुख है। 2. यह फफूदी गेहू , जौ , मक्का। आदि फसलों को भी प्रभावित करती है। 3. अंगूर, सेब, नाशपाती, बकाइन, स्ट्राबेरी, अरेबिडोप्सिस, प्याज और विभिन्न वृक्ष के पेड़ों में भी यह फफूदी दिखाई पड़ती है। और पढ़े-: जानिए कैसे गन्ने की फसल में फैलता है कैंसर (लाल सड़न रोग) , जिससे हो जाती है फसल बर्बाद

पाउडर फफूंदी को कैसे रोकें?

इस तरह की फफूदी को रोकने का उपाय बहुत ही सरल और आसान है। इसे हम जैविक और अजैविक तरीकों से रोक सकते है। आज हम आपको इसे रोकने के जैविक और अजैविक दोनों तरीकों के बारें में बताएँगे। आप जैविक विधि से शुरुआत कर सकते हैं, 90% मामलों में यह रोग को नियंत्रित करने में मदद करेगा।यदि आप जैविक विधि से इसे नहीं रोक पातें है तब हमें अजैविक विधियों को आजमा सकते हैं।

जैविक विधि

इसे रोकने के लिए आप अलग - अलग तरीके अपना सकते है। यहां हम आपको एक ऐसी विधि बता रहें है जो बहुत ही सरल है और इससे फफूदी रोग आसानी से ख़त्म हो जाता है। इस विधि में आपको छाछ, पानी और स्प्रे बोतल की जरूरत पड़ सकती है।

प्रक्रिया

• आपको सबसे पहले छाछ को लेना है और में पानी मिलाना है ध्यान रहें इसकी मात्रा 50 % से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। • इसे एक तरीके से घोल बनाकर स्प्रे बोतल में भरकर अपने पौधे के उन हिस्सों पर स्प्रे करें जो रोग से प्रभावित हैं। यह पीएच स्तर को बदलता है और रोगों को खत्म करता है। • इसे रोकने की जो दूसरी विधि है वह भी इसके ही तरह की है लेकिन इसे सबसे ज्यादा प्रभावी माना जाता है। ऊपर जो बताये हुए घोल है इसमें उसमें केवल लहसुन के 3 से 4 कुचले हुए टुकड़े मिलाएं और इस घोल का छिड़काव करें। रोगों को पूरी तरह से खत्म करने के लिए आप इसे 7 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करते रहें। अगर आप यह आसान तरीका अपनाते है तो फफूदी बहुत जल्द खत्म हो जाती है।

रासायनिक विधि

दोस्तों , अगर आपके फसल में भी इस तरह के रोग है तो आप GEEKEN CHEMICALS से बना कीटनाशक Kenzim (Carbendazim 50% WP) का प्रयोग कर सकते है। यह एक व्यापक तरह का कवकनाशी है जो फसल के रोगों को बहुत जल्द खत्म करता है। इसका उपयोग आप सब्जितों के लिए भी कर सकते है।

निष्कर्ष

आज हमने जाना कि पाउडर फफूंदी रोग के लक्षण क्या है और इसे कैसे खत्म किया जा सकता है। आप इसके लिए GEEKEN CHEMICALS के द्वारा बना हुआ कीटनाशक भी प्रयोग कर सकते है। जो कुछ समय में ही रोग को खत्म कर फसल को मजबूत बनाता है। अगर आप हमारे प्रोडक्ट के बारें और अधिक जानना चाहते है तो हमारे FACEBOOK पेज को फॉलो करें। किसान भाइयों इस ब्लॉग को शेयर करना न भूलें जिससे यह जानकारी और भी लोगों तक पहुंचसकें और वह भी अपने फसल को सुरक्षित रख सकें।

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