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सफेद बैंगन की खेती कब करें ? जानिए सफेद बैगन की खेती करने का तरीका

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आज आधुनिकीकरण और कृषि क्षेत्र में होने वाले बदलाव के लिए किसान लगातार अलग - अलग तरीके अपना रहे है। किसान आज कम समय में लाखों रूपये कमाना चाह रहे है। ऐसे में पारंपरिक खेती को छोड़कर किसान नई तकनीकों और नई किस्मों के प्रयोग से अच्छी पैदावार कर रहे है। इन खेती के जरिए अच्छी पैदावार की जा सकती है। किसान भाइयों इन्ही में बैगन काफी फेमस है। किसान भाइयों बैगन की उत्पत्ति भारत ही हुई थी और आज आलू के बाद लोग सबसे ज्यादा बैगन खाना ही पसंद करते है। सबसे रोचक बात है यह कि बैगन की खेती दुनियाभर में सबसे ज्यादा भारत में नहीं बल्कि चीन में की जाती है। आज भी भारत बैगन उत्पादन के मामले में दूसरे नंबर पर है। ऐसे में भारत के किसान भी अब बैगन की खेती को कई अलग - अलग तरीके से आजमा रहे है। ऐसे में आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताने जा रहे है की सफेद बैगन की खेती कैसे की जा सकती है और इसकी खेती करने के लिए हमारे पास क्या जरुरी जानकारी होनी चाहिए। यह भी पढ़ें :- राजमा की खेती कैसे करें आप यह ब्लॉग GEEKEN CHEMICALS के द्वारा पढ़ रहे है। हम आपके लिए अलग - अलग तरह का कीटनाशक बनाते है जिसका प्रयोग करक

राजमा की खेती कैसे करें ,यहां जानिए राजमा की खेती की विधि

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सभी फसलों की तरह ही राजमा भी सबसे अच्छी फसल मानी जाती है। राजमा में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते है , जिससे हमारे शरीर को भरपूर मात्रा में विटामिन मिलता है। जो लोग मांस , अंडा आदि का सेवन नहीं करते है उनके लिए राजमा की सब्जी सबसे अच्छी मानी जाती है। राजमा के सेवन से कई तरह के फायदें भी है , यह हमारे सेहत के लिए कई तरह से पोषक तत्व की कमी को दूर किया जा सकता है। भारत में ज्यादातर किसान इसकी खेती पहाड़ी क्षेत्रों में कर सकते है। हमारे बाजारों में भी राजमा की मांग खूब है , इसलिए किसान इसकी खेती करके अच्छा पैसा कमा सकते है। आज के इस ब्लॉग में हम आपको बताने वाले है कि राजमा की खेती कैसे की जाती है। किसान भाइयों को इसकी खेती करते समय कुछ बातों को ध्यान रखना पड़ेगा , जिससे अच्छी कमाई की जा सके। किसान भाइयों को इसके बीज का चुनाव भी सही तरीके से करना चाहिए , जिससे पैदावार पर किसी भी तरह का प्रभाव न पड़ सके। यह भी पढ़ें :- गन्ने के पोक्का बोइंग रोग को कैसे करें खत्म, यहां जानिए गन्ने की खेती करने का तरीका दोस्तों आप यह ब्लॉग GEEKEN CHEMICALS के द्वारा पढ़ रहें है। हम आपके लिए कृषि जगत से

सूरजमुखी की खेती कैसे करें, यहां जानिए खेती करने का आसान तरीका

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सूरजमुखी की खेती भारत में प्रमुखता से की जाती है। सूरजमुखी तिलहनी फसलों में से एक है। इसके पौधे से निकलने वाले फूल और बीज दोनों को ही बेचकर हम अधिक मुनाफा कमा सकते है जिसके कारण इसे नगदी फसल भी कहा जाता है। इसके बीज से निकलने वाला तेल खाने और औषधीय बनाने के काम में आता है। तेल निकलने के बाद इसके बचे हुए अवशेष को हम मुर्गी का दाना बनाने और पशुओं को खिलाने के लिए प्रयोग करते है। सूरजमुखी की खेती पूरे विश्व में सबसे ज्यादा अमेरिका में की जाती है लेकिन अब भारत भी इसकी खेती करने के मायने में पीछे नहीं है। आज के समय में भारत के कई राज्य है जहां इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है। इसके पौधे को पूरी तरह से तैयार होने में तीन से चार महीने का समय लग जाता है। किसान इसकी खेती तीनों ही सीजन में कर सकते है। अगर आप सूरजमुखी की खेती करके अच्छा पैसा कामना चाहते है तो आज का यह ब्लॉग आपके लिए है। किसान भाइयों आप इस ब्लॉग को पूरा पढ़ें और अच्छा लगे तो शेयर भी जरूर करें। किसान भाइयों आप यह ब्लॉग GEEKEN CHEMICALS के द्वारा पढ़ रहे है। हम आपके लिए अलग - अलग तरह की कृषि जगत से जुडी जानकारी पहुंचाने का

कम समय में अच्छे मुनाफे के लिए करें इन फसलों की खेती , होगी पैसों की बरसात

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जनवरी का महीना खेती के लिए सबसे अच्छा महीना माना जाता है। किसान इस महीने में अपने फसलों को अच्छी तरह से निराई - गुड़ाई करते है और कुछ फसलों को इस महीने में पानी की जरूरत होती है इसलिए सिंचाई भी की जाती है। ऐसे में जलवायु परिवर्तन भी इसी महीने में होता है , जिसका असर हमारी फसलों पर देखने को मिलता है। मौसम में जरा सा भी बदलाव हुआ खड़ी फसलें खराब होने लगती है। मौसम में बदलाव के कारण फसल में कीड़ें लगने लगते है। ऐसे में किसान परेशान हो जाते है कि अगर मौसम का असर सभी तरह की फसलों पर हुआ तो हम कौन सी फसल की खेती करें , ऐसी कौन सी फसल है जिसकी खेती करने पर नुकसान कम होता है। Read More Blog -: How to control garden winter pests? पिछले कुछ सालों के आकड़ें देखे तो किसानों को धान और गेहूं की फसल में काफी नुकसान हुआ है ऐसे में किसान अब सब्जियों की तरफ अपना रुख कर रहे है। कम और छोटी जमीन वाले किसान अपनी खेती पॉली हाउस, ग्रीन हाउस, लो टनल जैसी विधि से कर रहें है। ऐसे में सबसे अच्छी बात यह है कि किसान भाइयों को खेती करने के लिए सरकार भी इसमें मदद कर रही है। कृषि एक्सपर्ट की मानें तो अगर मौसम

पॉलीहाउस में खेती कैसे की जाती है ? यहां जानिए पॉलीहाउस में खेती करने के फायदें

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भारत के किसान पिछले कुछ समय से अलग - अलग तरह की खेती कर रहें है। आज के समय में हमारे देश में भी खेती करने को लेकर नई - नई तकनीकी का प्रयोग किया जा रहा है। किसान भी इन नई तकनीकी को खास तवज्जो दे रहे हैं। खेती किसानी में नई तरह की तकनीक का प्रयोग करके किसान न सिर्फ आत्म निर्भर बन रहें है बल्कि उन्नत तरीकों का प्रयोग करके अपनी आमदनी को भी बढ़ा रहे हैं। किसान भाइयों के आमदनी को लेकर एक नई तरह की तकनीकी में शामिल है पॉलीहाउस में खेती। तो आइए GEEKEN CHEMICALS के माध्यम से जानतें है की पाली हाउस में खेती कैसे की जाती है और इसके फायदें क्या है। आप यह ब्लॉग GEEKEN CHEMICALS के माध्यम से पढ़ रहें है। GEEKEN CHEMICALS लगातार कई वर्षों से किसान भाइयों के बेहतर फसल उत्पादन के लिए काम कर रहा है। किसान अपने फसलों में लगने वाले रोगों , कीटों , खरपतवारों आदि को खत्म करने के लिए GEEKEN CHEMICALS का प्रयोग कर सकते है। आज के समय में GEEKEN CHEMICALS सबसे भरोसेमंद कंपनी में से एक है। पॉलीहाउस में खेती कैसे की जाती है किसान भाइयों आज के समय में पॉलीहाउस में खेती करना काफी फायदेमंद माना जाता है।

How to control garden winter pests?

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Comparatively speaking to other seasons, wintertime sees a slowdown in plant development. In their backyard gardens, gardeners are already growing winter-season flower, vegetable, and herb plants. Although there are typically less pests and pest concerns in gardens in the winter, this does not guarantee that your indoor plants will be fully safe. Caterpillars, slugs, animals, and other troublesome insects are active in and above the earth even in cold climes and can eat everything from the leaves of the plants in your garden to the shoots and fruits. Let's discuss the pests that affect garden plants in the winter. Read the article in its entirety to learn the names of the insects that affect plants and plants in the winter and how to control them. You can spray effective and inexpensive pesticides on garden pests to get rid of them and subsequently improve the quality and output of your farm with the help of Geeken Chemical products made by Agricultural Chemical Manufacturing Compa

इस विधि से साल भर करें करेले की खेती, पाएं कम लागत में ज्यादा फायदा

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करेला को हम एक प्रकार की औषधी मानते है। यह कई तरह के रोगों को खत्म करने के काम में प्रयोग किया जाता है। इसलिए बाजारों में भी इसकी मांग हमेशा रहती है। आज के समय में हम करेला को कभी भी ऊगा सकते है। अगर देखा जाये तो करेले की खेती में लागत कम लगता है और फायदा ज्यादा होता है। करेले में अनेक प्रकार के खनिज भी पाए जाते है। जिसमें प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट के अलावा विटामिन ‘ए’ और ‘सी’ अत्यधिक मात्रा में पाई जाती है। करेले को हम पाचन, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और गठिया जैसे रोगियों की बीमारी को खतम करने के लिए भी प्रयोग करते है। करेले का सब्जी के आलावा अचार भी बनाया जाता है। करेले को हम अपने कड़वेपन के लिए भी जानते है। भारत के लोग करेले को अलग - अलग नाम से भी बुलाते है जिनमें कारवेल्लक, कारवेल्लिका, करेल, करेली आदि नाम फेमस है। किसान करेले की खेती साल में दो बार करते है। ठंड के मौसम में करेला की बुआई जनवरी - फरवरी में की जाती है। जिसके बाद मई - जून के मौसम में किसान इसके फसल को उखाड़ देते है। वहीँ गर्मी के मौसम में इसकी खेती जून-जुलाई में करते हैं और दिसम्बर तक इसकी फसल पाते हैं।