गन्ने में लग गया लाल सड़न रोग तो किसान न हो परेशान , यहाँ पर जानिए इस रोग को खत्म करने का आसान तरीका

गन्ना भारत के प्रमुख फसल में से एक है। गन्ने की फसल से हम कई चीजें तैयार करते है। लेकिन कुछ समय से गन्ने के उत्पादन में कमी देखने को मिल रही है, जिसकी वजह से किसान भाई अक्सर चिंतित रहते है। गन्ने की फसल में कमी के कई कारण है जैसे कभी - कभी अच्छे से गन्ने को पानी न मिलना , सही तरीके के उर्वरक का प्रयोग न होना , साथ ही खरपतवार और कीटों का प्रकोप भी बढ़ जाता है। गन्ने की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग लाल सड़न, उकठा, कंडवा हैं। उपरोक्त रोगों में से लाल सड़न रोग गन्ने में लगने वाला सबसे हानिकारक रोग है। इसको गन्ने का कैंसर भी कहते हैं। यह दुनिया के सभी गन्ना उगाने वाले देशों में व्यापक रूप से लगने वाला मुख्य रोग है। इसका प्रकोप किसी जगह कम या ज्यादा हो सकता है। देश में गन्ने का औसत उत्पादन 69.7 टन प्रति हैक्टर तथा चीनी प्राप्ति 10.62 प्रतिशत है, जिससे लगभग 25.12 मिलियन टन सफेद चीनी का उत्पादन होता है। एक आकलन के अनुसार वर्ष 2030 तक घरेलू मांग को पूरा करने के लिए 33 मिलियन टन चीनी उत्पादन की आवश्यकता होगी। इस मांग को पूरा करने के लिए गन्ने के उत्पादन को 520 मिलियन टन तथा औसत उत्पादकता को 100 से 110 टन प्रति हैक्टर तक बढ़ाना होगा। भारत में दूसरे देशों की अपेक्षा गन्ने की प्रति इकाई पैदावार बहुत कम है। भारत में लाल सड़न रोग के कारण अनुमानतः 19-25 प्रतिशत गन्ने के उत्पादन में हानि होती है। गन्ने में वानस्पतिक प्रवर्धन होने के कारण रोगी गन्ना बीज के साथ ही एक खेत से दूसरे खेत में पहुंच जाता है। जिसकी वजह से यह सभी जगह के फसल को प्रभावित कर देता है। इस रोग के कारण गन्ने के रस में भी एक तरह का सदन उत्पन्न हो जाता है और यह चीनी के उत्पादन में कमी ला देता है।

क्या है लाल सड़न रोग

किसान भाइयों लाल सड़न रोग सबसे खतरनाक रोगों में से एक है। यह रोग कोलेलेटोट्राचिम फाल्केटमनामक फफूंद से होता है। इसके कारण पौधे का संवहन ऊतक माइसेलियम के विकास के कारण बंद हो जाता है। यह पत्तियों में बने भोजन और मृदा से पानी के साथ विभिन्न खनिजों को लाने का काम करता है। इस रोग के कारण गन्ने की फसल की पत्तियां धीरे - धीरे पीली पड़ने लगती है और कुछ समय बाद यह सुख जाती है। जिससे गन्ने का विकास रुक जाता है।

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संक्रमण

इसके बीजाणु, मृदा, फसल अवशेषों जैसे-पत्तियां तथा जड़ों के अवशेषों आदि में गन्ना उत्पादन में लाल सड़न रोग से कमी जीवित रहते हैं। ये अनुकूल वातावरण मिलने पर संक्रमण करते हैं। इस रोग का शाकाणु प्रभावित बीज गन्ना के उपयोग से एक खेत से दूसरे खेत में फैलता है।

पहचान

किसान भाइयों अगर आप भी गन्ने की खेती कर रहें है तो, इस रोग की पहचान करने में दिक्क्त आती होगी। क्योंकि शुरुवात में यह अच्छे से नहीं दिखाई पड़ते है और धीरे -धीरे ये फसल को पूरी तरह से नष्ट कर देते है। गन्ने की फसल में अक्सर इस रोग के लक्षण जुलाई-अगस्त में दिखाई देने लगते हैं। ग्रसित पौधों के ऊपर से तीसरी और चैथी पत्तियां एक या दोनों किनारे से सूखना शुरू होती हैं। धीरे-धीरे पूरे पौधे में रोग के संकेत मिलते हैं और अंततः पौधा पूर्णरूप से सूख जाता है। इसको पहचाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि गन्ने की ऊपरी पत्तियां पीली दिखाई देने लगती है साथ ही गन्ने को दो भागों में करने पर लाल रंग दिखाई पड़नें लगता है और इसमें से एल्कोहल सी गंध आने लगती है।

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बचाव

इस रोग से होने वाले नुकसान से बचने के लिए किसानों को बहुत अधिक सावधानी बरतने की जरुरत होती है। गन्ने की प्रभावित फसल में लाल सड़न रोग को नियंत्रित करना कठिन होता है, इसलिए रोपण के लिए लाल सड़नमुक्त स्वस्थ गन्ने का चुनाव करना चाहिये। तने के ऊपर का 1/3 से 1/2 भाग प्रायः सभी रोगों से मुक्त होता है। इसका अंकुरण भी जल्दी होता है। इसलिए रोपण के लिये इसी हिस्से का प्रयोग करना चाहिये। इसके साथ ही आप गन्ने के इस लाल सड़न रोग को रोकने के लिए Bonanza (Thiophanate Methyl 70% WP) और Ribban (Captan 70% + Hexaconazole 5% WP) का प्रयोग कर सकते है। यह कैमिकल GEEKEN CHEMICALS के द्वारा बनाया गया है। जिसके प्रयोग करने के कुछ दिन बाद ही यह रोग ख़त्म हो जायेगा। इसके साथ ही जिस खेत में रोग लगा हो वहां मेड़बंदी कर देना चाहिए , जिससे इसका प्रभाव दूसरे खेतों तक न पहुँच सकें।

निष्कर्ष

आज के इस ब्लॉग में आपने जाना की किस तरह से हम गन्ने की फसल को लाल सड़न रोग से बचा सकते है। आशा है कि हमारे किसान भाइयों को यह जानकारी अच्छी लगी होगी। GEEKEN CHEMICALS आपके लिए इसी तरह से खेती किसानी साथ ही कीटनाशक के प्रयोग की जानकारी लाता रहेगा। आप हमारे इस ब्लॉग को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉम पर शेयर भी कर सकते है , जिससे यह जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँच सकें। GEEKEN CHEMICALS से जुडी किसी भी तरह की अन्य जानकारी के लिए आप हमें कॉल (+91- 9999570297) पर कॉल भी कर सकते है।

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